बोकारो : 9 अगस्त 2024 शुक्रवार को डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर 6 बोकारो में मानसून के महीने के चार प्रमुख बिंदुओं पर केंद्रित वर्षा ऋतु, इन्द्रधनुष, श्रावणी मेला, कृषि एवं किसान से सम्बन्धित अनुभव आधारित शिक्षण के अंर्तगत मानसून फिस्ता-‘मल्हार’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बालवाटिका- 1,2, एवं 3 तथा कक्षा पहली और दूसरी के नन्हें मुन्ने बच्चों ने काफी उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर नन्हें मुन्नों सहित सभी शिक्षक-शिक्षिका नीले रंग के परिधान में विद्यालय आए। कक्षा पहली के बच्चों ने बोलबम के नारों की साथ साथ में कांवर लेकर शिव की स्तुति करते हुए यात्रा किया। कक्षा दूसरी के छात्रों ने इस मौसम में खेती करते हुए किसान, बीज बोते हुए अपनी खुशियों को प्रकट करते हुए तथा ईश्वर को धन्यवाद किया। इन बच्चों ने बारिश में भींगते हुए तथा छाता लगाकर मस्ती में झूमते हुए गीत गाए। इन बच्चें ने प्रकृति के विभिन्न छटाओं को दिखाने का प्रयास किया । शिक्षिका भावना घले व अराधना के निर्देशन में बाल वाटिका के छात्रों ने नीले आसमान की उन सारी चीज़े जो कि इस मौसम में दिखाई देते है, सतरंगी रंगों वाली इंद्रधनुष, काले-काले बादल, तारें, सूर्य, चंद्रमा आदि को दिखाया, शिक्षिका सोनिया ने इस मौसम में जो लोग भगवान शिव के प्रति आस्था को एवं कावरियों के उत्साह, राह में तत्पर सेवकों द्वारा कावरियों के लिए जो व्यवस्था की जाती है उन सबको दिखाया गया। श्रावणी मेला विश्व की प्रमुख मेला में से एक है , जो एक महीने तक चलती है। इस मेले का बहुत महत्व है। शिक्षिका रूबी यादव ने इस मानसून के आगमन पर भारतीय किसान को कर्मवीर के रूप में दिखाया , जो कि अपने परिवार के साथ खेतों में बीज रोपण करते हुए सामूहिक रुप से गीत गाते है और ईश्वर को धन्यवाद देते है। किसान अपने हल, कुदाल तथा पूरे परिवार के साथ खुशी से मेहनत करते हुए गीत गाते है ।कार्यक्रम के अंत में सभी इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या अनुराधा सिंह ने सभी शिक्षकों की प्रशंसा की जिन्होंने इतने कम समय में बच्चों को तैयार कर प्रकृति के विभिन्न रूपों को गतिविधियो से सिखाने का प्रयास किया । उन्होंने अभिभावकों के सहयोग की तत्परता के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों में भाग लेने से बच्चों का सर्वांगीण विकास तो होता है साथ ही वे अपनी संस्कृति और सभ्यता को भी भलीभांति जान पाते है । इस कार्यक्रम में झूमा चक्रवर्ती, स्वरुप कुमार नाथ, सहयोग किया। इस अवसर पर सभी शिक्षक शिक्षिकाएँ उपस्थित थे।