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पेटरवार में कई संगठनों ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस

आदिवासी ही प्रकृति प्रेमी हैं, यदि प्रकृति और पर्यावरण को बचाना है तो आदिवासियों के जीवन पद्धति को समझना होगा -देवनारायण मुर्मू

पेटरवार : पेटरवार आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से पेटरवार वन सभागार में एवं बालक आदिवासी छात्र संघ पेटरवार प्लस टू उच्च विद्यालय के फुटबॉल मैदान में विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम मनाया गया। वहीं आदिवासी सेंगेल अभियान की अध्यक्षता पेटरवार सेंगेल विडियो विजय कुमार मरांडी तथा संचालन सेंगेल सरना धर्म मंडवा प्रदेश अध्यक्ष रामकुमार मुर्मू ने किया। मौके पर उपस्थित आदिवासी सेंगेल अभियान के झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू ने कहा कि आज हम भारत सहित पूरे विश्व में विश्व आदिवासी दिवस मनाया जा रहा हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने दुनिया के मानचित्र से आदिवासियों के विलुप्त होती जनसंख्या पर आत्म चिंतन करने का एक अवसर प्रदान किया है। आदिवासी ही प्रकृति प्रेमी हैं, यदि प्रकृति और पर्यावरण को बचाना है तो आदिवासियों के जीवन पद्धति को समझना होगा। इसलिए आदिवासियों के जल जंगल जमीन भाषा – संस्कृति आदि को बचाना जरूरी है।इसी को बचाने के लिए आदिवासी सेंगेल अभियान और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के नेतृत्व में भारत के सात आदिवासी बहुल प्रदेश बिहार बंगाल असम उड़ीसा झारखंड त्रिपुरा अरुणाचल प्रदेश तथा भारत के बाहर नेपाल भूटान और बंगलादेश में भी संघर्ष जारी है। उन्होंने आगे कहा कि तेजी से विलुप्त होती आदिवासी भाषाओं को संरक्षित करने हेतु संयुक्त राष्ट्र ने 2022-2032 को आदिवासी भाषा दशक घोषित किया है। इसलिए आदिवासी सेंगेल अभियान की मांग है कि राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सबसे बड़ी आदिवासी भाषा संताली भाषा को अनुच्छेद 345 के तहत झारखंड में अविलंब प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाए, तथा हो, मुण्डारी,कुड़ुख, खड़िया आदि भाषाओं को भी समृद्ध किया जाए।। भारत में लगभग पन्द्रह करोड़ आदिवासी हैं, जो अधिकांश आदिवासी हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आदि नहीं है प्रकृति पूजक है उनको अनुच्छेद 25 के तहत सरना धर्म कोड दिया जाय। आदिवासी गांव – समाज में अभी भी संविधान कानून और जनतंत्र लागू नहीं है इसको लागू किया जाए।सीएनटी एसपीटी कानून को सख्ती से लागू किया जाए। सेंगेल प्रदेश संयोजक बिरेंद्र कुमार बास्के ने कहा कि कुर्मी एवं अन्य जातियां जो आदिवासी बनने के लिए आतुर हैं उन्हें रोका जाए चूंकि उनकी भाषा – संस्कृति व परंपरा भिन्न है।असम और अंडमान के झारखण्डी आदिवासियों को अविलंब एसटी का दर्जा दिया जाए।सेंगेल अभियान हजारीबाग जोनल हेड विजय टुडू ने कहा कि झारखण्ड सरकार अविलंब झारखण्डी स्थानीय नीति बनाए और नहीं तो प्रखंड वार नियोजन नीति लागू कर आबादी के अनुपात में तुरंत झारखंडी शिक्षित बेरोजगार युवाओं को नौकरी दें, और गिरिडीह जिले में स्थित मरांग बुरू आदिवासियों का ईश्वर है इसे जैनों के काब्जे से मुक्त कर आदिवासियों को वापस किया जाय। पेटरवार हाई स्कूल के मैदान से बालक आदिवासी छात्र ने रैली निकाल कर पेटरवार के विभिन्न मार्गो से होते हुए पुनः हाई स्कूल के मैदान में पहुंची। इस मौके पर सेंगेल महिला मोर्चा बोकारो जिला अध्यक्ष ललिता सोरेन, पेटरवार युवा मोर्चा अध्यक्ष संजय टुडू, प्रखंड संयोजक हरिश्चंद्र मुर्मू जरीडीह प्रखंड सेंगेल अध्यक्ष संतोष मुर्मू आदि ने भी इस विश्व आदिवासी दिवस को संबोधित किया। मौके पर जरीडीह प्रखंड संयोजक रामसुंदर बेसरा,गोला प्रखंड परगना धनेश्वर मुर्मू, सरना धर्म मंडवा अध्यक्ष मुन्शी टुडू,सेंगेल मांझी निर्मल टुडू महामुनि मुर्मू,बसमति टुडू, सावित्री बेसरा, गीता सोरेन,किशुन राम बास्के, दिलीप किस्कू, आशा राम किस्कू, बिरसा मुर्मू, मिथुन हेम्ब्रम महेंद्र मुर्मू सहित सैकड़ों महिला पुरुष उपस्थित थे।

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