बोकारो। धनबाद लोकसभा को बीजेपी के तरफ से 16 मार्च को ढूलु महतो को प्रत्याशी बनाया, तो कॉंग्रेस ने 16 अप्रैल को धनबाद लोकसभा क्षेत्र से अनुपमा सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। वहीँ एक महिला उम्मीदवार है ,जो राजनीतिक घराने से तालुक रखती। है,और पहली बार मे ही लोकसभा के टिकट पर मैदान में आई है, खैर उनके ससुर जी स्वर्गीय राजेन्द्र सिंह राजनीति के धुरंधर रहे है ,और मंत्री भी रह चुके है, वही उनके पति अनूप सिंह वतर्मान में बरेमो से विधायक है, और जबकि दूसरा उमीदवार तीन बार विधायक रहा चुके है,और वर्तमान में भी विधायक है, वहीं आगे दोनो उम्मीदवार किसी भी मायने में एक – दूसरे से कमजोर नहीं है। भाजपा के उम्मीदवार ढुल्लू महतो बाघमारा से विधायक है और इनकी अपनी एक राजनीतिक पहचान है। वही अनुपमा सिंह झारखंड राज्य के पूर्व मंत्री रहें स्वर्गीय राजेंद्र सिंह की पुत्रवधु, बेरमो विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह की पत्नी और झारखंड राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष कुमार गौरव की भाभी है। पहली बार राजनीति के लिए घर से निकली अनुपमा को कांग्रेस ने सीधा लोकसभा का टिकट दिया है।कुछ दिन पहले तक धनबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की प्रतिदिन घोषणा करने वाले विधायक सरयू राय फिलहाल मौन है। वहीँ 18 अप्रैल को अनुपमा सिंह को आशीर्वाद देते हुए उनका एक फोटो सामने आया है। अब इसका क्या मतलब है,यह तो सरयू राय और उनके समर्थक ही बेहतर जाने? वैसे श्री राय ने कहा कि घर के बच्चे आशीर्वाद लेने आएंगे तो देना ही होगा। बिलकुल सही बात है, वहीँ अब तो और हो गई जब वर्तमान सांसद पशुपतिनाथ सिंह से आशिर्वाद लेने अनुपमा सिंह पहुँची और सांसद ने आशिर्वाद भी दिए, यही तो हमारी संस्कृति है कि हमारे यहाँ तो दुश्मन को भी बड़े बुजुर्ग आशीर्वाद मांगने पर ” विजयी भव:” तक का आशीर्वाद देते रहे है। वहीं दूसरी ओर इसी परम्परा का निर्वहन करते हुए ,भाजपा उम्मीदवार ढुल्लू महतो ने 20 अप्रैल को धनबाद लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता चंद्रशेखर दुबे से आशीर्वाद लेने पहुँचे।अब देखना यह है कि 25 मई या कहिए तो मतदान के दिन तक कौन, किसको आशीर्वाद देता है और 04 जून को यह भी पता चलेगा ,कि राजनीति में आशीर्वाद का कुछ मतलब भी होता है ,सिर्फ फोटो बाजी ही है? वैसे यह दोनो फोटो आप सबों के बीच है और आप भी इसको अपने अपने तरीके से सोच सकते है।